Monday, 1 April 2019

Year-11, Volume-2, Part-43 April - June, 2019

 सौत्रान्तिक प्रमाण व्यवस्था - एक विमर्श
    प्रदीप कुमार    05-11

अद्वैत वेदान्त में भक्ति की मीमांसा
    सत्यकाम मिश्र    12-17

मणि प्रणीत (नीराजना) के पूर्व भाग एवं उत्तर भाग का तुलनात्मक अध्ययन
    देवनारायण पाठक एवं बबली सिंह    18-20

जनार्दन मणि विरचित ‘रागिणी’ में जीवन दर्शन
देवनारायण पाठक एवं पूनम देवी        21-23

अभिज्ञान शाकुन्तलम् में परिहासतथा व्यङ्ग्य योजना: एक अध्ययन
    देवनारायण पाठक एवं विजय कुमार पटेल    24-28

श्रीकृष्ण: योगेश्वर रूप विवेचन
    मीरा सिंह    29-32

मनुस्मृति में नीतितत्व विमर्श
    करुणेश पाण्डेय    33-36

मन्नू भंडारी के कथा-साहित्य मेंस्त्री की दशा एवं दिशा
    संध्या सिंह    37-39

हिन्दी साहित्य में प्रकृति चित्रण
    रतन कुमारी वर्मा    40-44

राहुल सांकृत्यायन के रचनात्मक साहित्य और बौद्ध संस्कृति
    गीता    45-50

उषा प्रियंवदा के उपन्यासों में संघर्षशील स्त्री का चित्रण
    अरूण कुमार वर्मा    51-55

काव्य में अलंकार का स्थान, स्वरूप, संख्या, वर्गीकरण तथा अन्य काव्य तत्त्व
    विजय कुमार पाण्डेय    56-61

दक्षिण एशिया में सैन्य-नागरिक सम्बन्ध
    अरविन्द कुमार चतुर्वेदी एवं महेन्द्र प्रताप यादव    62-68

क्षेत्रीय दलों में वर्तमान सरकार की भूमिका
    शिवमिलन    69-75

भारत-भूटान सम्बन्ध: वर्तमान परिप्रेक्ष्य
    निशा जायसवाल    76-82

उच्च शिक्षा में अध्ययनरत् ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र की छात्राओं की उच्च शिक्षा के प्रति अभिवृत्ति का
तुलनात्मक अध्ययन
    अजय प्रकाश तिवारी एवं आनन्द तिवारी    83-87

गुरूवर पं0 रामाश्रय झा जी की बंदिशों में अष्टनायिकायें
    इभा सिरोठिया    88-92

ताल सम्बन्धित परिभाषाएँ एवं महत्त्व
    स्नेह लता    93-97

गीतगोविन्द-संगीतरघुनन्दनयोस्तुलनम्
    रुचि पाण्डेय    98-110

·       State, Security and Human Security: A Human Rights Perspective

Nazia Khan                                      111-117

·       Charles Lamb: Reminiscence of Personal Life in his Essays

Shavian Singh                                      11-120

·       Cooperative Learning: As an Effective Method On Achievement of B.Ed. Student

Shiv Mangal Singh                                      121-124

·       Religion in Modern Word

Diksha Shukla                                 125-128